नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट देशभर में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिये पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर आज कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था. अदालत ने याचिकाकर्ताओं, पटाखा निर्माताओं और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की बेंच ने इस तथ्य पर गौर किया था कि दीवाली के समय वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है. कोर्ट ने कहा था प्रदूषण के असामान्य रूप से उच्च स्तर तक पहुंच जाने के कारण दिल्ली में तकरीबन 20-25 फीसदी बच्चे सांस संबंधित समस्याओं से पीड़ित होते हैं. यह शिशुओं के लिए बेहद खतरनाक है.
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वहीं पटाखा निर्माण करने वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि दिवाली के दौरान केवल पटाखे प्रदूषण बढ़ाने की एकमात्र वजह नहीं है. यह प्रदूषण बढ़ाना वाला एक कारक है और इस आधार पर पूरे उद्योग को बंद नहीं किया जा सकता.
अदालत ने सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों में श्वास की समस्याओं के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस पर निर्णय करेगी कि क्या पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा या मुनासिब नियंत्रण स्थापित किया जाएगा.