जीका वाइरस का प्रकोप बढ़ने के बाद राजस्थान में अलर्ट जारी; ऐसे करें खुद का बचाव
जीका वाइरस का बढ़ा प्रकोप (Photo Credits: Pixabay)

जयपुर: राजस्थान में जीका वाइरस का प्रकोप बढता चला जा रहा है. जिसको देखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया है. राजस्‍थान स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार जीका वायरस के राज्य में अब तक कुल सात पॉजिटिव मामलें सामने आ चुके हैं. इसके बाद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई है.

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है की अगर जीका वायरस के लक्षणों से मिलता-जुलता कोई केस दिखे, तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें. हाल ही में राजधानी में तीन गर्भवती महिलाओं समेत आठ और लोगों के जीका वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से एक उच्च स्तरीय टीम जांच के लिए जयपुर भेजी गई.

वहीं जांच के लिए पहुंची केंद्रीय टीम ने जीका वायरस प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया. केन्द्रीय टीम ने सघन स्क्रीनिंग और रोकथाम के प्रयास के लिए कहा है. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) वीनू गुप्ता ने भी टीम के साथ चर्चा की. बता दें कि सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में एक वृद्ध महिला जीका वायरस से ग्रस्त पाई गई थी. जो कि जयपुर में जीका का पहला मामला था.

मनुष्यों में जीका संक्रमण होने पर बुखार, शरीर में चकत्ते, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशी में दर्द, और आंखों में लाल रंग आना प्रमुख है. जीका वायरस संक्रमण के लिए कोई टीका नहीं है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की तरह ही जीका एक बड़ी जन-स्वास्थ्य समस्या है. जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते. यदि मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, जिसके खून में वायरस मौजूद हैं, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है.

हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक जीका संक्रमण के कारण किसी महिला की गर्भावस्था में बाधा पड़ सकती है. इसका कोई लक्षण भले ही नजर न आता हो, लेकिन यह गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का कारण हो सकता है. जीका वायरस के कारण दिमागी विकृतियों वाले बच्चे पैदा होते हैं.

जीका वाइरस से बचने के लिए ऐसा करें –

- जब आप बाहर जाएं तो जूते, मोजे, लंबी आस्तीन वाली शर्ट और फुलपैंट पहनें.

- यह सुनिश्चित करें कि मच्छरों को रोकने के लिए कमरे में स्क्रीन लगी हो.

- ऐसे बग-स्प्रे या क्रीम लगाकर बाहर निकलें, जिसमें डीट या पिकारिडिन नामक रसायन मौजूद हो.

- जब एडिस मच्छर सक्रिय होते हैं, उस समय घर के अंदर रहें। ये मच्छर दिन के दौरान, सुबह बहुत जल्दी और सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले काटते हैं.

- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा पर जाने वालों, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं का मच्छरों से भलीभांति बचाव करना चाहिए.