
पूर्वी दिल्ली से BJP सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार पर एक बार से निशाना साधा है. दिल्ली में जलभराव को लेकर गौतम गंभीर ने कहा कि अभी मैं अर्बन डेवलेपमेंट कमेटी की बैठक से आ रहा हूं जहां दिल्ली में पानी जमा होने की समस्या पर बहुत बड़ी डिबेट थी. लेकिन वहां पर PWD आई ही नहीं. उन्होंने कहा कि इतने सीरियस हैं अरविंद केजरीवाल जी और उनकी एजेंसी. गौतम गंभीर ने कहा कि मिंटो ब्रिज पर एक आदमी की मौत के बावजूद PWD वहां मौजूद न हो इससे उनकी सीरियसनेस का पता चलता है. गौतम गंभीर लगातार सीएम केजरीवाल की सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
इससे पहले गौतम गंभीर ने ट्वीट कर कहा था कि मुख्यमंत्री जी, आज लोगों को बता ही दीजिये -दिल्ली सरकार के अंतर्गत क्या क्या आता है विज्ञापन विभाग के इलावा? . वहीं मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि GGF का कांति नगर COVID सेंटर आज भी बंद है. अरविंद केजरीवाल जी, VC पर आपके आश्वासन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं. क्या मिलकर काम करने की बातें सिर्फ विज्ञापनों और TV के लिए हैं? अगर क्रेडिट ही चाहिए तो बेशक आप आकर उद्घाटन कर दें. राजनीति के लिए सारी ज़िंदगी पड़ी है.
गौतम गंभीर का ट्वीट:-
Today CM @ArvindKejriwal demonstrated his seriousness towards Delhi
PWD did not SHOW UP at Urban Dev meeting where accountability for Delhi’s water logging & death of person was to be fixed
Now will anyone question advetiser-in-chief who runs away frm actual debate? Pathetic!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 23, 2020
गौतम गंभीर का ट्वीट:-
GGF का कांति नगर COVID सेंटर आज भी बंद है@ArvindKejriwal जी, VC पर आपके आश्वासन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं. क्या मिलकर काम करने की बातें सिर्फ विज्ञापनों और TV के लिए हैं?
अगर क्रेडिट ही चाहिए तो बेशक आप आकर उद्घाटन कर दें. राजनीति के लिए सारी ज़िंदगी पड़ी है pic.twitter.com/5DRLSzfFxb
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 21, 2020
गौरतलब हो कि दिल्ली में रात भर हुई भारी बारिश के कारण मिंटो रोड पर हुए जलभराव के चलते पिछले सप्ताह रविवार की सुबह लगभग 60 साल का एक व्यक्ति डूब गया था. मृतक टेम्पो चालक था. वहीं एक बस चालक, कंडक्टर और एक ऑटो-रिक्शा चालक को फायर ब्रिगेड की टीम ने बचा लिया था. वहीं इस घटना के बाद से केजरीवाल की सरकार विपक्षियों के निशाने पर हैं.