हिंदू धर्म शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिन कोई भी शुभ-मंगल कार्य बिना मुहूर्त देखे सम्पन्न किया जा सकता है. मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु अक्षय रहती है, यानी उसका क्षरण (नुकसान) नहीं होता. इसलिए इस दिन लोग सोना, घर या जमीन आदि महंगी वस्तुएं खरीदते हैं, लेकिन इस वर्ष सोने की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए सबके वश में सोना खरीदना संभव नहीं है.
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