मीरा बाई ने न सिर्फ जीवन भर कान्हा की भक्ति की, बल्कि उनका निधन भी कान्हा की भक्ति करते हुए ही हुआ था. कहा जाता है कि साल 1547 में द्वारका में वो श्रीकृष्ण की भक्ति करते-करते उनकी मूर्ति में समा गई थीं. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को मीरा बाई जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
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