जैन ग्रंथों के अनुसार, 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी के निर्वाण के 188 वर्ष पश्चात महावीर जी का जन्म हुआ था. तीर्थंकरों के बारे में कहा जाता है कि इन्होंने अपने जप-तप से समस्त इंद्रियों और भावनाओं पर विजय प्राप्त कर लिया था. जैन समाज के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल रविवार के दिन महावीर जयंती पूरी श्रद्धा, आस्था एवं धूमधाम से मनायी जायेगी.
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