चाणक्य नीति के 14वें अध्याय के 17 वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने किसी भी व्यक्ति को अपने निजी जीवन को सबसे शेयर नहीं करना चाहिए. इस श्लोक में चाणक्य ने स्पष्ट किया है कि धर्म, मैथुन, गल्तियों एवं कमियों आदि के बारे में बाहर के किसी भी व्यक्ति से शेयर करने से बचना चाहिए.
...