यह भ्रामक वीडियो पुरानी होने के साथ साथ किसी भी जातीय प्रतारणा से लेना देना नहीं है. सोशल मीडिया पर लोगो ने इस वीडियो को भारत को बदनाम करने के उदेश्य से फैलाये जाने का कारण बताती है उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी इस पर ट्वीट करके बताती है की ये यह UP का नहीं मध्यप्रदेश की घटना है जो पिछले साल की वीडियो है. भारत विरोधी प्रचार प्रसारक भारत को निशाना बनाने के झूठे दावे के साथ पुराना वीडियो साझा कर रहे हैं और जाति पर अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं.
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