इस्लामाबाद, 19 जनवरी: पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार और निर्वाचन आयोग ने कहा है कि देश में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव ईरान के साथ बढ़ते तनाव से प्रभावित नहीं होंगे. पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में ‘आतंकी ठिकानों’ पर ड्रोन और मिसाइल से सैन्य हमले किए, जिसमें नौ लोग मारे गए.
ये हमले ईरान द्वारा पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच आतंकवादी समूह ‘जैश अल-अदल’ के ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने के दो दिन बाद हुए. उसके बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और सभी पूर्व निर्धारित उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं को निलंबित कर दिया.
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ अखबार ने सवाल किया था कि क्या पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव प्रस्तावित चुनावों और उसके कार्यक्रम को प्रभावित करेगा, इस पर पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आयोग अब भी प्रतिबद्ध है और निर्धारित समय पर चुनाव कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान-ईरान तनाव के कारण चुनाव की तारीख की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव की तैयारी में व्यस्त है. अखबार ने प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘हम हमेशा की तरह काम कर रहे हैं और आठ फरवरी को चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’’
सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने भी कहा कि चुनाव समय पर होंगे और दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का चुनाव कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव अब कम होना शुरू हो जाएगा.
चुनाव कराने के लिए आवश्यक सुरक्षा आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए निर्वाचन आयोग को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘अब घोषित तिथि पर आम चुनाव से पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है.’’
ईरान के हमले और पाकिस्तान के जवाबी हमलों ने पश्चिम एशिया के अस्थिर क्षेत्र में चिंताएं बढ़ा दी है, जहां पहले से ही गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध और यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाए जाने से तनाव व्याप्त है.
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