अमेरिका में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने भारतीय पत्रकार ललित के झा से बदसलूकी की और हमला भी किया. वॉशिंगटन DC में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन कर रहे खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय पत्रकार ललित झा पर हमला कर दिया. पत्रकार ललित को भद्दी बातें सुनाई. भारत विरोधी शब्द कहे और पत्रकार को पीटा. ये घटना तब हुई, जब पत्रकार शनिवार को भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे. Amritpal Singh: पंजाब पुलिस के ‘गलत आकलन’ के कारण बच निकला अमृतपाल? जानें आखिर कहां हुई चूक.
पत्रकार ने अपने ट्वीट में लिखा कि खालिस्तानी समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे. उन्होंने लिखा, मदद करने के लिए धन्यवाद वरना मैं हॉस्पिटल से ये ट्वीट लिख रहा होता. मैंने हमला होने के बाद 911 को कॉल किया. 2 पुलिस वैन में 4 लोग आए, जिन्होंने मेरी मदद की.' उन्होंने अपने ट्विटर पर खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया. भारतीय पत्रकार ने बताया, 'मैं डर गया था. फिर मैंने 911 पर कॉल किया. सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों को देखा और उन्हें घटना के बारे में बताया.'
यहां देखें विडियो:
Thank you @SecretService 4 my protection 2day 4 helping do my job, otherwise I would have been writing this from hospital. The gentleman below hit my left ear with these 2 sticks & earlier I had to call 9/11 & rushed 2 police van 4 safety fearing physical assault👇. pic.twitter.com/IVcCeP5BPG
— Lalit K Jha ललित के झा (@lalitkjha) March 25, 2023
ललित झा ने ANI को बताया कि प्रदर्शनकारियों में सभी उम्र के पगड़ीधारी पुरुष शामिल थे. उन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए. वे डीसी-मैरीलैंड-वर्जीनिया (DMV) क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों से आए थे. वो हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बात कर रहे थे.
वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने कहा, 'हमने वाशिंगटन डीसी में तथाकथित 'खालिस्तान विरोध' को कवर करने के दौरान प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार, धमकी और शारीरिक हमले के परेशान करने वाले दृश्य देखे हैं. हम समझते हैं कि पत्रकार को पहले मौखिक रूप से धमकाया गया, फिर शारीरिक रूप से हमला किया गया. घटना के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाना पड़ा, जिन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी.'
वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास ने कहा, 'हम एक वरिष्ठ पत्रकार पर इस तरह के गंभीर और अनुचित हमले की निंदा करते हैं. इस तरह की गतिविधियां तथाकथित 'खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों' और उनके समर्थकों की हिंसक और असामाजिक प्रवृत्ति को रेखांकित करती हैं, जो नियमित रूप से हिंसक और बर्बरता में लिप्त रहते हैं.'