बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने मंगलवार को संसद को भंग कर दिया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है.यह फैसला प्रधानमंत्री शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और कई सप्ताह तक चले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद मंगलवार को लिया गया.
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के प्रेस सचिव ने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नाम विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किए जाएंगे.
दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सदस्यों के नाम पर बुधवार को फैसला हो जाएगा.
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मोहम्मद जोयनल आबेदीन ने मंगलवार देर रात बताया कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की बंगभवन (राष्ट्रपति भवन) में तीनों सेनाओं के प्रमुखों और 'भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन' के समन्यवकों के बीच हुई बैठक के दौरान अंतरिम सरकार की नियुक्ति का फैसला लिया गया.
अंतरिम सरकार में किसको मिलेगी जगह
अंतरिम सरकार बांग्लादेश के सेना प्रमुख द्वारा 5 अगस्त को टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में हसीना के इस्तीफे की घोषणा के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट को भरेगी. यह घोषणा देश में कई सप्ताह तक चली घातक हिंसा के बाद की गई है, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए.
अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद चुनाव कराने की भी उम्मीद है. प्रेस सचिव ने बताया कि पेरिस में चिकित्सा प्रक्रिया के बाद यूनुस के गुरुवार को ढाका पहुंचने की उम्मीद है.
छात्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक नाहिद इस्लाम ने राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की घोषणा के बाद पत्रकारों को बताया कि छात्रों ने अंतरिम सरकार के लिए एक प्रारंभिक सूची में 10-15 सदस्यों की सिफारिश की है, जिसे उन्होंने राष्ट्रपति के साथ साझा किया है.
इस्लाम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मंगलवार देर शाम से शुरू होने वाले अगले 24 घंटों में अंतरिम सरकार को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इस्लाम ने कहा कि सरकार के लिए छात्रों की सिफारिशों में सिविल सोसायटी के सदस्य और छात्र प्रतिनिधि भी शामिल हैं.
कहां जाएंगी शेख हसीना
शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 5 अगस्त की शाम भारत पहुंचने के बाद अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उनका अंतिम ठिकाना कहां होगा. अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने अपने सूत्रों के हवाले लिखा है कि ब्रिटेन द्वारा उनके शरण के अनुरोध को स्वीकार करने की "संभावना नहीं" है.
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसीना, जिन्हें बहुत कम समय में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था, अपने निकटतम परिवार के सदस्यों वाले देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड और भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे अन्य देशों में जाने के विकल्पों पर चर्चा कर रही हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)