विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक बड़े कूटनीतिक फेरबदल के तहत पड़ोसी देश भारत के उच्चायुक्त समेत पांच राजदूतों को वापस बुला लिया है.बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने पांच राजदूतों को वापस ढाका बुला लिया है. जिन देशों से राजदूतों को वापस बुलाया गया है उनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि शामिल हैं. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने इन राजदूतों को तुरंत राजधानी ढाका लौटने का आदेश दिया है.
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने ज्यादा जानकारी दिए बिना कहा कि उन्हें तुरंत अपनी जिम्मेदारियां सौंपकर लौटने को कहा गया है. यह कदम ब्रिटेन में राजदूत सईदा मुना तस्नीम को वापस बुलाने के बाद उठाया गया है. उन्हें भी इसी तरह लौटने को कहा गया था. हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान 700 से अधिक लोग मारे गए थे, इससे भारत के साथ संबंध भी खराब हो गए थे. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों ने राजनीतिक परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हमले का आरोप लगाया था. बांग्लादेश सरकार का कहना है कि हिंसा राजनीति से प्रेरित थी, धर्म से नहीं.
'बांग्लादेशी घुसपैठिया' कहने से भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर पड़ रहा असर
भारत उठा चुका है हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा
हसीना के देश छोड़ने के बाद हुए हमलों में कुछ बांग्लादेशी हिंदुओं और मंदिरों को निशाना बनाया गया था, जिसकी निंदा छात्र नेताओं और अंतरिम सरकार ने की थी. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वहां हिंदुओं पर हुए हमले का जिक्र स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया था. मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, "140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और वह बांग्लादेश की विकास यात्रा में उसका शुभचिंतक बना रहेगा."
इसके एक दिन बाद 16 अगस्त को पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. जिसमें मोदी ने एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. मोदी से बातचीत में यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था.
हसीना ने ली है भारत में शरण
संयुक्त राष्ट्र की एक प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के हालिया आंदोलन में कम-से-कम 600 लोग मारे गए थे. आशंका है कि मृतकों की संख्या इस अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकती है. बांग्लादेश,हसीना का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द कर चुका है. मोहम्मद यूनुस भी उन्हें वापस लाने की बात कर चुके हैं. हसीना के शासन में सुरक्षाकर्मियों पर सैकड़ों लोगों को गायब करने के आरोप भी लगे और हाल ही में इस मामले में एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज द्वारा जांच भी शुरू करवाई गई.
क्या भारत शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेज सकता है
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और देश से भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी. हसीना के इस्तीफे के बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनाए गए थे.
एए/वीके(रॉयटर्स)