गजब हाल है! भीख मांगने सऊदी अरब जा रहे थे पाकिस्तान के 24 भिखारी, मुल्तान पुलिस ने किया गिरफ्तार
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पाकिस्तान में कथित 24 भिखारियों को मुल्तान हवाई अड्डे पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से उतारा गया जो उमरा करने के बहाने खाड़ी देश जाने की कोशिश कर रहे थे ताकि वहां भीख मांग सकें. मीडिया में रविवार को प्रकाशित खबरों में यह जानकारी दी गई.

डॉन अखबार की खबर के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने शनिवार रात को मुल्तान हवाई अड्डे पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से आठ कथित भिखारियों को उतारा जो उमरा के बहाने अरब देश जा रहे थे. PAK PM VIDEO: पाकिस्तानी सेना चलाती है वहां की सरकार, पीएम अनवर ने खुद माना 'वह बस आर्मी की कठपुतली हैं'

पंजाब सूबे के मुल्तान हवाई अड्डे पर गत कुछ दिनों में यह दूसरी घटना थी. अखबार के मुताबिक दो दिन पहले भी एफआईए ने मुल्तान हवाई अड्डे पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से 11 महिलाओं, चार पुरुषों और एक बच्चे सहित कुल 16 लोगों को उतारा था. वे उमरा वीजा पर जा रहे थे. उमरा मक्का की धार्मिक यात्रा होती है जो साल में कभी भी की जा सकती है.

एफआईए आव्रजन अधिकारी तारिक मेहमूद ने दूसरी घटना के बाद जारी बयान में कहा कि आव्रजन जांच के दौरान पता चला कि उक्त समूह सऊदी अरब ‘भिक्षावृत्ति’ के इरादे से जा रहा है. बयान के मुताबिक, ‘‘उन्होंने (भिक्षा के मामले में पकड़े गए लोग) बताया कि भीख में मिली आधी राशि उन्हें एजेंट को सौंपनी थी.’’

एफआईए ने कहा कि पकड़े गए लोगों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए मुल्तान में एजेंसी की मानव तस्करी रोधी इकाई के पास भेजा गया है. संघीय एजेंसी ने बताया, ‘‘ दोषियों के खिलाफ मानव तस्करी अधिनियम 2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.’’

अखबार के मुताबिक पकड़े गए पहले समूह ने एफआईए अधिकारियों को पूछताछ के दौरान बताया कि वे भीख मांगने के लिए सऊदी अरब जा रहे थे और उमरा वीजा की मियाद पूरी होने के बाद उन्हें पाकिस्तान लौटना था.

यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संसद के उच्च सदन में खुलासा किया है कि अधिकतर भिखारी गैर कानूनी तरीके से विदेश जाते हैं.

मंत्रालय के सचिव ने सीनेट समिति के समक्ष खुलासा किया कि विदेश में पकड़े जाने वाले 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तान के हैं.  मंत्रालय के सचिव जीशान खानजादा ने सीनेट की स्थायी समिति को पिछले महीने बताया, ‘‘ पाकिस्तानी भिखारी जियारत के नाम पर पश्चिम एशियाई देशों में जाते हैं. अधिकतर लोग सऊदी अरब उमरा वीजा पर जाते हैं और भिख मांगने की गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं.’’

उन्होंने बताया, ‘‘ इराक और सऊदी अरब के राजदूतों ने इन भिखारियों की गिरफ्तारी की वजह से उनकी जेलें भरी होने की जानकारी दी है.’’ द इंटरनेशनल न्यूज अखबार ने खानजादा के हवाले से खबर दी कि मक्का की मस्जिद-अल हरम में गिरफ्तार जेबकतरों में अधिकतर पाकिस्तानी हैं.

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