नयी दिल्ली: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का मानना है कि लगातार तीन महीने से ज्यादा समय तक नहीं दौड़ना तेज गेंदबाजों की फिटनेस में बाधा बन सकता है. बल्लेबाज योग और ट्रेनिंग से खुद को फिट बनाये रख सकते हैं लेकिन तेज गेंदबाजों के लिये सिर्फ इन सबसे काम नहीं चलेगा और उन्हें जल्द ही दौड़ना शुरू करना होगा. कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये भारत में तीन हफ्ते का लॉकडाउन लगा है और यह अब दूसरे हफ्ते में है. देश में अभी तक इससे 3,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं जबकि 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं.
सारी खेल गतिविधियां बंद हो चुकी हैं जिससे शीर्ष खिलाड़ियों को घर पर रहना पड़ रहा है और वे खुद को फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उन्हें उम्मीद है कि हालात सामान्य होने पर फिर से खेल शुरू हो जायेंगे. नेहरा ने पीटीआई से कहा, ‘‘चलिये कुछ परिस्थितियां देखते हैं, जैसे कि अगर लॉकडाउन 15 अप्रैल को खत्म हो जाता है तो सामाजिक जीवन के सामान्य होने में काफी समय लगेगा।.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप मुझे पूछोगे तो मुझे जुलाई से पहले किसी भी क्रिकेट गतिविधि की उम्मीद नहीं दिखती. इसलिये शुरूआत होने से पहले यह लंबा ब्रेक है तो तेज गेंदबाजों के लिये फिट रहना सबसे बड़ी चुनौती होगी.’’
भारतीय टीम के पूर्व फिजियो जॉन ग्लोस्टर की तरह नेहरा को भी लगता है कि ज्यादातर क्रिकेटरों के लिये जगह की कमी समस्या है और तेज गेंदबाजों के साथ यह ज्यादा परेशानी भरा है. आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के गेंदबाजी कोच रह चुके नेहरा ने कहा, ‘‘तेज गेंदबाजों के लिये दौड़ने के लिये जगह की कमी होती है. लेकिन इन हालातों से बचा नहीं जा सकता. इसलिये जिसके पास भी 15 मीटर से 20 मीटर तक का बगीचा है, उन्हें एक हफ्ते में तीन बार इस पर दौड़ना (शटल रन करना) चाहिए जब तक वे मैदान पर ट्रेनिंग के लिये वापसी नहीं कर लेते’’
भारत के लिये 164 अंतरराष्ट्रीय मैच (17 टेस्ट, 120 वनडे और 27 टी20) खेलने वाले नेहरा ने कहा, ‘‘ आप योग या ‘फ्री वेट’ कर सकते हो, तेज गेंदबाजों के लिये भागने से बेहतर कुछ नहीं है. इसमें उनका अभ्यास बल्लेबाजों से काफी अलग होता है.’’ लेकिन तेज गेंदबाजों को साइकिलिंग या तैराकी की तुलना में दौड़ने की जरूरत क्यों होती है तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘यह महज ह्दय गति की बात नहीं है बल्कि आपको गेंदबाजी में काम आने वाली मासंपेशियों जैसे हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स, ग्रोइन और काफ को सक्रिय रखना जरूरी होती है. तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ने में से विकल्प में से मैं क्रिकेटर होने के नाते दौड़ना चुनूंगा.’’
हालांकि उन्होंने छत पर दौड़ने वालों को सलाह देते हुए कहा, ‘‘अगर आप सूर्य नमस्कार कर रहे हो तो ठीक है लेकिन अगर आप भागना या ‘शटल रन’ शुरू करोगे तो आप अपने घुटने और टखनों को नुकसान पहुंचाओगे. इसलिये पेशेवर खिलाड़ियों को पांच सितारा होटल में हार्ड कोर्ट पर टेनिस खेलने से बचना चाहिए. ये सीमेंट के कोर्ट होते हैं.’’ उन्हें भरोसा है कि बीसीसीआई या आईसीसी खिलाड़ियों को तैयारी के लिये कम से कम एक महीने का समय देंगे क्योंकि कोई भी अचानक से खेलना शुरू नहीं कर सकता.