रमज़ान के पवित्र महीने में दुनिया भर के मुसलमान शब-ए-क़द्र (Shab-e-Qadr) का पालन करते हैं, जिसे रमज़ान की 27 वीं रात लैलात-अल-क़द्र (Laylat al-Qadr) के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म में इस रात को हजार रातों से बेहतर रात बताया गया है. इस रात की फजीलत खुद कुरआन में बयान किया गया है. इस रात में खुदा खुद निदा लगाता है कि है कोई माफी का लतबगार, जिसे मैं माफ कर दूं.
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