ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दिनभर व्रत रखकर रात में चंद्र देव के दर्शन करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी विघ्न दूर होते हैं और गणेश जी की कृपा से सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
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