By IANS
स्वामी विवेकानंद ने मात्र 23 साल की उम्र में गेरुआ वस्त्र धारण करके पूरे भारत की पैदल यात्रा की. इसके बाद जो कुछ हुआ, उसकी गवाह संपूर्ण मानव जाति रही.