बैडमिंटन चैंपियनशिप में भाग लेने से रोके जाने से परेशान होकर 17 वर्षीय लड़की पिछले साल उत्तर प्रदेश में अपना घर छोड़कर दिल्ली आ गई थी. 17 वर्षीय लड़की स्कूल में स्वर्ण पदक विजेता भी थी और वह अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त करने और जीवन में बड़ा नाम कमाने की ख्वाहिश रखती थी. हालांकि, वह आगे आने वाले खतरों से अनजान थी.
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