महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है. प्रचार अभियान कल्याणकारी पहलों और विकास जैसे मुद्दों के साथ शुरू हुआ था लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ा तो राजनीतिक रैलियों तथा सभाओं में ‘वोट जिहाद’, ‘धर्म युद्ध’, ‘संविधान खतरे में’ जैसे नारे लगने लगे.
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