By Bhasha
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि विचाराधीन कैदी का लंबे समय तक जेल में रहना आतंकवाद के मामलों में जमानत देने का आधार नहीं हो सकता. इसने कहा कि इन मामलों का देशव्यापी प्रभाव होता है और इनमें अन्य बातों के अलावा देश की एकता को अस्थिर करने की मंशा होती है.
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