Nagpur 9 Month Old Baby Girl Heart Surgery: चमत्कार! बिना टांके लगाए 9 माह की बच्ची का नागपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफल हार्ट सर्जेरी

Nagpur 9 Month Old Baby Girl Heart Surgery: केवल 11 माह कि छोटी बच्ची का सफल ऑपरेशन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के  डॉक्टर्स कि टीम ने किया हैं.  इस बच्ची के दिल में छेद था, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. डॉक्टर्स कि टीम ने बिना एक भी टाका लगाए बच्ची का सफल ऑपरेशन किया. इतनी कम उम्र कि बच्ची का सुपर स्पेशलिटी का ये पहला ऑपरेशन है.

नागपुर ( Nagpur ) के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ( Super Speciality Hospital ) में केवल 9 महीने कि छोटी बच्ची की सफलतापूर्वक हार्ट सर्जरी की गईं है. इस ऑपरेशन कि ख़ास बात ये थी कि ऑपरेशन में बच्ची को एक भी टांका नहीं लगाया गया. इतनी छोटी बच्ची कि हार्ट सर्जरी करने का ये पहला मामला है सुपर स्पेशलिटी का. नागपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब बड़े -बड़े और सफल ऑपरेशन होने कि वजह से लोगों का भरोसा हॉस्पिटल पर और बढ़ गया है. नागपुर जिले के साथ -साथ दुसरे शहरों से भी मरीज यहां पहुंचने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला सुपर स्पेशलिटी में आया था. जिसमें 9 महीने की बच्ची का ऑपरेशन इस हॉस्पिटल में किया गया. दरअसल यवतमाल जिले के रहनेवाले छोटी बच्ची के परिजन उसे हॉस्पिटल लेकर आये थे, इस छोटी बच्ची को जन्म से ही दिल में एक छेद था. इसको पेटेंट डक्टस आर्टेरीओसस ( Patent Ductus Arteriosus ) कहते है. इस बीमारी के कारण बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थीं. बच्ची के परिजनों ने गंभीर स्थिति में 1 फरवरी को नागपुर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ( Super Speciality Hospital ) में उसे भर्ती कराया.

बच्ची का ऑपरेशन हुआ सफल

बच्ची के दिल में 4 ' एमएम ' का छेद था. डॉक्टर्स ने बच्ची की उम्र को देखते हुए ' ओपन हार्ट सर्जरी ( Open Heart Surgery ) न करते हुए डिवाइस प्रोसीजर ( Device Procedure ) करने का निर्णय लिया. 7 फरवरी को ये ऑपरेशन किया गया.हॉस्पिटल के डीन ( Dean ) डॉ. राज गजभिये ( Raj Gajbhiye ) के मार्गदर्शन में विभागप्रमुख ( Hod ) डॉ. पी.पी. देशमुख ( Dr. P.P. Deshmukh ) के साथ डॉ. सुनील वाशिमकर ( Dr. Sunil Washimkar ) और डॉ. अतुल राजपूत ( Dr. Atul Rajput ) ने ऑपरेशन ये किया.

कैसे हुआ ' डिवाइस क्लोज़र ' के द्वारा ऑपरेशन

बच्ची की जांघ कि धमनी में एक छोटासा छेद करके कैथेटर की मदद से दिल का छेद बंद किया गया. इस पद्धति को ' डिवाइस क्लोज़र ' ( Device Closer ) कहां जाता है.इसके लिए केवल 15 मिनट का समय लगा. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ( Super Speciality Hospital ) में पहली बार इतनी छोटी बच्ची का इलाज ' डिवाइस क्लोज़र ' द्वारा किया गया है.

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