Happy Ahoi Ashtami 2022 Greetings: अहोई अष्टमी पर ये ग्रीटिंग्स GIF Images और HD Wallpapers के जरिए भेजकर दें बधाई
Ahoi Ashtami 2022 (Photo Credits: File Image)

Happy Ahoi Ashtami 2022 Greetings: अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2022) कार्तिक के हिंदू महीने में मनाई जाती है, जो अंग्रेजी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार लगभग सितंबर और अक्टूबर के बीच आती है. इस बार अहोई अष्टमी 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी. अहोई अष्टमी भारत के उत्तरी राज्यों में व्यापक रूप से मनाई जाती है. यह आमतौर पर चंद्रमा की घटती अवधि (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन पड़ता है. अहोई अष्टमी के दिन, महिलाएं सुबह से शाम तक उपवास करती हैं और अपने पुत्र (पुत्रों) के कल्याण और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं. वे आमतौर पर एक बच्चे का चित्र बनाते हैं या एक बच्चे का चित्र खरीदते हैं और उसके सामने प्रार्थना करते हैं. इस दिन अहोई अष्टमी भगवती की पूजा की जाती है. यह भी पढ़ें: Dhanteras 2022 Date & Gold Purchase Muhurat Timing: कब है धनतेरस? जानें इस दिन सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त और महत्व

व्रत या उपवास का पालन अहोई अष्टमी का मुख्य आकर्षण है. भारत के उत्तर में महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं, सूर्योदय से पहले ही कुछ जलपान करती हैं. कुछ महिलाएं आसमान में पहले तारे के दिखाई देते ही अपना व्रत तोड़ देती हैं. दीवार पर अहोई मां या अहोई भगवती का चित्र बना कर चित्रित किया जाता है. कुछ महिलाएं शावक का चित्र भी बनाती हैं. अहोई माता के प्रिंट या पेंटिंग को अब हाथ की ड्राइंग या पेंटिंग के बजाय रखा जाता है. वे उसके सामने पानी का कटोरा रखते हैं. सिंदूर में डूबा/रंगा हुआ एक लाल धागा कटोरी के चारों ओर बांधा जाता है. इस दिन महिलाएं एक दूसरे को ग्रीटिंग्स भेजकर शुभकामनाएं देती हैं. आप भी नीचे दिए गए ग्रीटिंग्स भेजकर अहोई अष्टमी की बधाई दे सकते हैं.

1. अहोई अष्टमी की बधाई

Ahoi Ashtami 2022 (Photo Credits: File Image)

2. अहोई अष्टमी

Ahoi Ashtami 2022 (Photo Credits: File Image)

3. अहोई अष्टमी 2022

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4. हैप्पी अहोई अष्टमी

Ahoi Ashtami 2022 (Photo Credits: File Image)

5. अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

Ahoi Ashtami 2022 (Photo Credits: File Image)

इस दिन कुछ परिवार चांदी या सोने के सिक्कों से माला बनाते हैं. जब परिवार में नए बच्चे का जन्म होता है या जब उनके बेटे की शादी होती है, तो वे माला में एक नया सिक्का जोड़ते हैं. वे इस माला को सुरक्षित रखते हैं ताकि आने वाले वर्षों के लिए उपयोग किया जा सके. वे अहोई माता की पूजा के लिए साल-दर-साल माला का उपयोग करते हैं. इस प्रकार परंपरा को बनाए रखने के लिए अहोई अष्टमी का पालन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक किया जाता है.