Swami Vivekananda Jayanti 2024 Quotes: स्वामी विवेकानंद जयंती पर करें उन्हें याद, उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों से लाएं अपने जीवन में बदलाव
स्वामी विवेकानंद के महान विचार आज भी लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में स्वामी विवेकानंद जयंती के इस खास अवसर पर आप उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें याद कर सकते हैं.
Inspirational Thoughts of Swami Vivekananda: स्वामी विवेकानंद जी की जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) हर साल 12 जनवरी को मनाई जाती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस यानी नेशनल यूथ डे (National Youth Day) के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है. 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक साधारण परिवार में जन्में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) का असली नाम नरेंद्र दत्त था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील थे, जबकि मां भुवनेश्वरी देवी धार्मिक विचारों वाली एक घरेलू महिला थीं. स्वामी विवेकानंद बचपन से ही योगियो के स्वभाव वाले थे, इसलिए बचपन से ही उनका मन हमेशा ध्यान और अध्ययन में लगा रहता था. हालांकि स्वामी विवेकानंद को युवावस्था में ही दमा और शुगर जैसी बीमारियां हो गई थीं. उन्होंने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी खुद करते हुए बताया था कि वे 40 वर्ष की आयु तक भी जीवित नहीं रह पाएंगे. उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, उनका निधन महज 39 साल की उम्र में 4 जुलाई 1902 को हो गया था.
जब स्वामी विवेकानंद जी का मन आध्यात्म की ओर झुकने लगा, तब उन्होंने 25 वर्ष की आयु में ही संन्यास ले लिया. घर-द्वार छोड़कर संन्यास धारण करने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा. रामकृष्ण परमहंस से उनकी मुलाकात सन 1881 में कलकत्ता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी. स्वामी विवेकानंद के महान विचार आज भी लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में स्वामी विवेकानंद जयंती के इस खास अवसर पर आप उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और प्रियजनों संग शेयर कर उन्हें याद कर सकते हैं.
1- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
2- सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
3- हम जो बोते हैं वो काटते हैं, हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं.
4- अपने इरादों को मजबूत रखो, लोग जो कहते हैं उन्हें कहने दो, एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे.
5- जब तक जीना, तब तक सीखते रहो, क्योंकि अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
6- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी.
7- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
8- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो, बाकी सब कुछ भूल जाओ.
9- संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से आगे निकल जाना.
10- उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
अधिकांश लोगों का मानना है कि उन्हें स्वामी विवेकानंद नाम उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था, जबकि इसकी वास्तविकता तो कुछ और ही है. कहा जाता है कि एक बार अमेरिका जाने के लिए स्वामी जी के पास पैसे नहीं थे, ऐसे में उनका सारा खर्च राजपूताना के खेतड़ी नरेश ने उठाया था और उन्होंने ही नरेंद्रनाथ दत्त को स्वामी विवेकानंद नाम दिया था, जिसका उल्लेख फ्रांसिसी लेखक रोमां रोलां की किताब 'द लाइफ ऑफ विवेकानंद एंड द यूनिवर्सल गोस्पल' में मिलता है. बताया जाता है कि सन 1891 में शिकागो में आयोजित विश्वधर्म संसद में जाने के लिए उन्होंने खेतड़ी नरेश के कहने पर यह नाम स्वीकार किया था.