Subho Bijoya Dashami 2020 HD Images & Wallpapers in Hindi: विजयादशमी पर अपनों को भेजें मां दुर्गा के ये मनमोहक हिंदी GIF Greetings, WhatsApp Stickers, Facebook Messages, Photo SMS और कहें शुभो बिजोया दशमी
बिजोया दशमी के पावन अवसर पर अगर आप अपने घर-परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभ बिजोया दशमी के सुंदर चित्रों के साथ शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं मां दुर्गा के मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, फोटो एसएमएस जिन्हें विजयादशमी पर शेयर कर आप अपनों को शुभो बिजोया दशमी कह सकते हैं.
Subho Bijoya Dashami 2020: भारत कई धर्मों का देश है. यहाँ हर धर्म के त्योहार मनाये जाते हैं. देश में हिंदू त्योहार भी पूरी जोश से मनाए जाते हैं. शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) के दौरान चलने वाले 5 दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festivals) का आज अंतिम दिन है, जिसे बिजोया दशमी (Bijoya Dashami) यानी विजयादशमी (Vijayadashami) के नाम से जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, विजयादशमी का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पड़ता है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में दशहरा (Dussehra) के तौर पर मनाया जाता है. बंगाली समुदाय के लोग आज (26 अक्टूबर) यह पर्व मना रहे हैं. बिजोया दशमी की बात करें तो बंगाली समुदाय के लोग इस दिन को कड़वी-मीठी भावना के साथ मनाते हैं, क्योंकि इस दिन दुर्गा पूजा का समापन होता है और मां दुर्गा (Maa Durga) वापस कैलाश पर्वत लौट जाती हैं. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.
बिजोया दशमी के पावन अवसर पर अगर आप अपने घर-परिवार के सदस्यों, दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभ बिजोया दशमी के सुंदर चित्रों के साथ शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं मां दुर्गा के मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, फोटो एसएमएस जिन्हें विजयादशमी पर शेयर कर आप अपनों को शुभो बिजोया दशमी कह सकते हैं.
1- शुभो बिजोया दशमी
2- शुभो बिजोया दशमी
3- शुभो बिजोया दशमी
4- शुभो बिजोया दशमी
5- शुभो बिजोया दशमी
गौरतलब है कि दुर्गा पूजा का उत्सव शारदीय नवरात्रि के छठे दिन यानी महाषष्ठी से शुरू होता है और इसका समापन विजयादशमी के दिन होता है. मान्यता है कि इस अवधि के दौरान देवी दुर्गा धरती पर अपने मायके आती हैं. इसके अतिरिक्त यह वह समय भी है, जब देवी दुर्गा पृथ्वी पर आंतक मचाने वाले महिषासुर नामक असुर का संहार करती हैं. पौराणिक लोककथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए उन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है. दुर्गा पूजा के आखिरी दिन लोग महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का जश्न मनाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.