Leap Day 2020 Google Doodle: खास डूडल बनाकर गूगल सेलिब्रेट कर रहा है यह दिन, जानें क्या होता है लीप ईयर और कब मनाया गया था पहली बार
लीप ईयर 2020 गूगल डूडल (Photo Credits: Google)

Leap Year 2020 Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल (Search Engine Google) हर खास मौके को सेलिब्रेट करने के लिए स्पेशल डूडल (Special Doodle) बनाता है. आज यानी 29 फरवरी 2020 (29 February) को लीप ईयर (Leap Year) या लीप डे (Leap Day) के तौर पर सेलिब्रेट करने के लिए गूगल ने खास डूडल (Google Doodle) बनाया है. गूगल ने जो डूडल बनाया है जिसमें लीप डे को दिखाया गया है. गूगल ने जो डूडल बनाया है उसमें छोटे अक्षरों में 28 तारीख और 1 तारीख नजर आ रहा है. इसके बीच में 29 बड़े अक्षर में लिखा हुआ है. लीप डे हर चार साल में आने वाले लीप ईयर में आता है. पिछली बार लीप डे 2016 में था और अब चार साल बाद 2020 में 29 फरवरी यानी लीप डे मनाया जा रहा है, जबकि अगला लीप ईयर 2024 में आएगा. दरअसल, लीप डे हमारे कैलेंडर के पृथ्वी और सूर्य की चाल से तालमेल बनाए रखने के लिए जरूरी होता है. चलिए जानते हैं आखिर सबसे पहले कब मनाया गया था लीप ईयर और इसे मनाने का चलन कैसे शुरु हुआ.

चार साल बाद आता है लीप डे

वैसे तो फरवरी में 28 दिन होते हैं, लेकिन हर चार साल में फरवरी के महीने में एक अतिरिक्त दिन होता है यानी चार साल बाद आने वाली फरवरी में 29 दिन होते हैं और इस अतिरिक्त दिन को लीप डे या लीप ईयर कहा जाता है. माना जाता है कि पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन और 6 घंटे में पूरी करती है. इस तरह से हर चार साल में 1 दिन बढ़ जाता है और चौथे साल की फरवरी महीने में 28 की जगह 29 तारीख पड़ती है. यह भी पढ़ें: Leap Year 2020: जानें पूर्व पीएम मोरारजी देसाई के अलावा और किन देशी-विदेशी हस्तियों ने लीप ईयर में जन्म लिया

क्या है लीप ईयर का इतिहास?

माना जाता है कि ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत से ही लोग लीप ईयर मनाते आ रहे हैं. सबसे खास बात तो यह है कि प्रभु यीशु के जन्म वर्ष से ही ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया गया है. कहा जाता है कि तभी से लीप ईयर मनाने का सिलसिला शुरु हुआ है. लीप ईयर मनाने के पीछे भी बेहद खास वजह है. यह भी पढ़ें: Leap Year 2020: इस वर्ष 29 दिनों की होगी फरवरी! जानें क्या और क्यों होता है लीप ईयर! क्या कहते हैं ज्योतिष, साथ ही कुछ रोचक तथ्य

अगर लीप ईयर नहीं मनाया गया तो हर साल सौर मंडल के समय चक्र से दुनिया 6 घंटे आगे निकल जाएगी. ऐसे में दुनिया 100 साल बाद 25 दिन आगे होगी. लीप ईयर नहीं मनाया गया तो मौसम वैज्ञानिकों के लिए मौसम परिवर्तन का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो जाएगा, इसलिए हर चार साल बाद लीप ईयर और 29 फरवरी को लीप डे के रूप में मनाया जाता है.