Kerala Formation Day 2023 Wishes: केरल दिवस की बधाई! शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers और SMS
केरल हर साल 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता है. इस दिन केरल राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और परंपराओं से सबको रूबरू कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिन केरल वासी एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स और एसएमएस के जरिए केरल दिवस की बधाई दे सकते हैं.
Kerala Formation Day 2023 Wishes in Hindi: आज (1 नवंबर 2023) दक्षिण भारत में स्थित केरल राज्य अपना स्थापना दिवस (Kerala State Formation Day) मना रहा है. केरल दिवस (Kerala Day) को केरल पिरावी (Kerala Piravi) भी कहा जाता है. केरल राज्य का गठन भारत की आजादी के काफी समय बाद 1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर हुआ था. ऐसा माना जाता है कि केरल का नाम ‘केरा’ से पड़ा, जिसका मतलब ‘नारियल का पेड़’ होता है. वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने अपना परशु जब समुद्र में फेंका था तो उसके आकार की भूमि समुद्र से बार निकली थी, जिससे केरल अस्तित्व में आया था, इसलिए केरल शब्द का एक अर्थ ‘समुद्र से निकली जमीन’ भी होता है. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि यहां पर लंबे समय तक चेरा राजाओं का शासन रहा था और इसका नाम पहले चेरलम था, इसी से इस राज्य का नाम केरल पड़ा होगा.
दक्षिण भारतीय राज्य केरल हर साल 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता है. इस दिन केरल राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और परंपराओं से सबको रूबरू कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिन केरल वासी एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स और एसएमएस के जरिए केरल दिवस की बधाई दे सकते हैं.
1- केरल राज्य स्थापना दिवस की बधाई
2- केरल स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
3- केरल स्थापना दिवस 2023
4- हैप्पी केरल दिवस
5- हैप्पी केरल फॉर्मेशन डे
बताया जाता है कि सन 1920 के दशक में मलयालम भाषा बोलने वालों ने एक आंदोलन छेड़ दिया था. उन्होंने मलयालम भाषियों के लिए अलग केरल राज्य बनाने की मांग की.उनकी मांग थी कि कोच्चि, त्रावणकोर और मालाबार को मिलाकर एक राज्य बनाया जाए. इसके बीच 1 जुलाई 1949 को त्रावणकोर और कोचीन रियासत का विलय हो गया, जिससे त्रावणकोर-कोचीन राज्य बना, लेकिन लगातार अलग राज्य के लिए उठ रही मांग के बाद जेवीपी आयोग बना यानी जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैया. इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों के गठन का सुझाव दिया, जिसके बाद मलाबार रीजन भी त्रावणकोर-कोचीन राज्य में मिल गया और इस तरह से 1 नवंबर 1956 को केरल राज्य अस्तित्व में आया.