Happy Gudi Padwa 2022 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन जहां चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है तो वहीं इसी दिन गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) का पर्व भी मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा को हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत माना जाता है, इसलिए इसकी धूम देखते ही बनती है. गुड़ी का मतलब है ध्वज या झंडा, जबकि पड़वा का अर्थ है प्रतिपदा तिथि. इस दिन घरों में गुड़ी यानी ध्वज या पताका फहराने की परंपरा है और विजय का प्रतीक मानकर इसकी पूजा की जाती है. महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में गुड़ी पड़वा की धूम देखते ही बनती है. इस दिन घर-परिवार के लोग नए वस्त्र धारण करते हैं और घर में लजीज पकवान बनाए जाते हैं. इस साल गुड़ी पड़वा यानी हिंदू नव वर्ष का यह उत्सव 2 अप्रैल 2022 को मनाया जा रहा है.
हिंदू नव वर्ष के प्रतीक गुड़ी पड़वा को महाराष्ट्र और गोवा में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और करीबियों को इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स को भेजकर गुड़ी पड़वा की प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- नया दिन, नई सुबह,
चलो मनाएं एक साथ,
है यही गुड़ी का पर्व,
दुआ करें हम रहें सदा साथ...
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
2- नए पत्ते आते हैं वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं,
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता है,
हम यूं ही गुड़ी पड़वा का पर्व नहीं मनाते,
हिंदू धर्म में यह त्योहार प्रकृति के बदलाव से आते.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
3- आई हैं बहारें, नाचे हम और तुम,
पास आए खुशियां और दूर जाए गम,
प्रकृति की लीला है हर तरफ छाई,
सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
4- वृक्षों पर सजती नए पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार,
ऐसा सजता है गुड़ी का त्योहार,
मौसम ही कर देता नव वर्ष का सत्कार.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
5- गुड़ी पड़वा की हैं अनेक कथाएं,
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए,
पेड़-पौधों से सजता है चैत्र माह,
इसलिए हिंदू धर्म में यह नव वर्ष कहलाए.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी. वहीं कई जगहों पर इस दिन नई फसल के आने की खुशी मनाई जाती है. महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के दिन मीठी पूरन पोली बनाई जाती है, जबकि कुछ जगहों पर गुड़, नीम के फूल, इमली और आम आदि को मिलाकर मीठी रोटी बनाई जाती है. इस दिन कई जगहों पर श्रीखंड और पूरी भी खाई जाती है.