Govatsa Dwadashi 2023 Wishes: गोवत्स द्वादशी की इन हिंदी WhatsApp Messages, GIF Greetings, Quotes के जरिए दें हार्दिक बधाई
गोवत्स द्वादशी यानी नंदिनी व्रत के दिन लोग गौ माता और बछड़ों की पूजा करते हैं. गाय और बछड़ों को कपड़ों व आभूषण से सजाने के बाद माथे पर तिलक लगाकर उनकी पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखने वाले गेहूं और दूध से बनी चीजों का सेवन करने से परहेज करते हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
Govatsa Dwadashi 2023 Wishes in Hindi: मानव जीवन के पोषण में गायों का विशेष महत्व बताया जाता है और सनातन धर्म में गौ माता को सबसे पवित्र माना गया है. ऐसे में गायों के प्रति सम्मान और आभार जताने के लिए हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) का पर्व मनाया जाता है, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में गोवत्स द्वादशी को वसु बारस (Vasu Baras), गुजरात (Gujarat) में बाघ बारस (Vagh Baras) या बछ बारस (Bach Baras) के नाम से जाना जाता है, जबकि आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में इसे श्रीपाद श्री वल्लभ (Sripada Sri Vallabha) के श्रीपाद वल्लभ आराधना उत्सव (Sripada Vallabha Aradhana Utsav) के तौर पर मनाया जाता है. इस साल गोवत्स द्वादशी का त्योहार 9 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. धनतेरस से एक दिन पहले मनाई जाने वाली गोवत्स द्वादशी को नंदिनी व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
गोवत्स द्वादशी यानी नंदिनी व्रत के दिन लोग गौ माता और बछड़ों की पूजा करते हैं. गाय और बछड़ों को कपड़ों व आभूषण से सजाने के बाद माथे पर तिलक लगाकर उनकी पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखने वाले गेहूं और दूध से बनी चीजों का सेवन करने से परहेज करते हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- गोबर से बढ़िया नहीं, खाद दूसरी कोय,
डालोगे गर यूरिया, लाख बीमारी होय...
गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई
2- गायों की सेवा करो, रोज नवाओ शीश
खुश होकर देंगी तुम्हें, वे लाखों आशीष
गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई
3- बची नहीं गायें अगर, ऐसा होगा हाल,
तरसेंगे फिर दूध को, इस माटी के लाल...
गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई
4- गौ पाली तब ही बने, कान्हा जी गोपाल,
दूध-दही से वे करें, सबको मालामाल...
गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई
5- जब भी हो अंतिम समय, करिए गैया दान,
हमको यह समझा रहे, अपने वेद पुराण...
गोवत्स द्वादशी की हार्दिक बधाई
गौरतलब है कि सत्व प्रधान गाय अपने दूध से धरती पर मानव जीवन का पालन-पोषण करती है. इसके साथ ही अपने गोबर से मिट्टी को उर्वरता प्रदान करती है. इस दिन पवित्र पशु को चना और अंकुरित मूंग जैसी कई चीजें खिलाई जाती हैं. उत्तरी भारत के कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को 'वाघ' के रूप में संदर्भित किया जाता है, जो सभी वित्तीय ऋणों को चुकाने, बहीखाते को साफ करने और नए बहीखाते में आगे कोई लेनदेन नहीं करने का संकेत देता है.