Christmas Day 2019: हर साल 25 दिसंबर (December 25) को पूरी दुनिया में क्रिसमस (Christmas) का त्योहार मनाया जाता है, जो साल का सबसे आखिरी बड़ा त्योहार होता है. ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस को धूमधाम से सेलिब्रेट (Christmas Celebration) करने के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. ईसाई धर्म (Christian) के लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) लाते हैं और क्रिसमस ट्री के साथ-साथ पूरे घर को रंग-बिरंगी लाइटों और डेकोरेटिव आइटम्स से सजाते हैं. इस दिन लोग चर्च में प्रेयर करते हैं और पार्टी का आयोजन किया जाता है. पार्टी के लिए लजीज केक बनाए जाते हैं और इस खास अवसर पर बच्चों को तोहफे दिए जाते हैं.
क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है और इससे ठीक सातवें दिन नए साल (New Year) का आगाज होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 25 दिसंबर को ही क्रिसमस क्यों मनाया जाता है. चलिए जानते हैं इससे जुड़ी रोचक कथा.
इसलिए 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस
ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह (Yeshu Masih) यानी जीसस क्राइस्ट (Jesus Christ) को ईश्वर का पुत्र मानते हैं और हर साल 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन मनाया जाता है. उनके जन्मदिवस को क्रिसमस डे के तौर पर मनाया जाता है. हालांकि ईसा मसीह का जन्म कब हुआ ये एक रहस्य है, क्योंकि बाइबल में भी ईसा मसीह के जन्म की तारीख की कोई पुष्टि नहीं की गई है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर 25 दिसंबर को ही ईसा मसीह के जन्मदिवस के तौर पर क्रिसमस क्यों मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: December 2019 Festival Calendar: विवाह पंचमी से हो रही है दिसंबर माह की शुरुआत, देखें इस महीने पड़नेवाले सभी व्रत, त्योहार और छुट्टियों की पूरी लिस्ट
दरअसल, शुरुआती दौर में ईसा मसीह के जन्म दिवस को लेकर ईसाई समुदाय के बीच काफी मदभेद भी हुए, लेकिन कोई भी इस बात को नहीं जानता है कि उनका जन्म कब हुआ था. हालांकि 336 ईसा पूर्व में पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में पहली बार 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया गया था. इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर ईसा मसीह के जन्मदिवस को 25 दिसंबर के दिन ही मनाने का ऐलान किया था. तब से हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म दिवस के तौर पर क्रिसमस डे मनाया जाता है.
गौरतलब है कि इसी वजह से दुनिया भर में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है. सबसे खास बात तो यह है कि ईसाई धर्म के अलावा अन्य सभी धर्मों के लोग इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं और खासकर बच्चों को क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि सीक्रेट सान्ता बच्चों के लिए ढेरों उपहार लेकर आते हैं.