Basava Jayanti 2021 Greetings: बसव जयंती पर इन शानदार WhatsApp Messages, HD Images, Quotes, Facebook Wishes के जरिए दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
कर्नाटक में बसव जयंती यानी भगवान बसवन्ना के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान करके इस पर्व की बधाई देते हैं. आप भी बसव जयंती के इस पावन अवसर पर इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, एचडी इमेजेस, कोट्स और फेसबुक विशेज को भेजकर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Basava Jayanti 2021 Greetings: भारत में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पिछले साल की तरह ही इस साल भी सादगी से कई त्योहार मनाए जा रहे हैं. आज (14 मई 2021) देश में जहां मुस्लिम समुदाय के लोग ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) का त्योहार मना रहे हैं तो वहीं हिंदू धर्म के लोग अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya), परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) और बसव जयंती (Basava Jayanti) का पर्व मना रहे हैं. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच पिछले साल की तरह ही इस साल भी लोग अपने घरों में रहकर परिवार वालों के साथ सादगी से सभी त्योहार मना रहे हैं. बात करें बसव जयंती की तो इसे वीरशैव लिंगायत हिंदूओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. लिंगायत मत के प्रसारक भगवान बसव की जयंती को कर्नाटक में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस पर्व की रौनक कुछ फीकी पड़ गई है.
कर्नाटक में बसव जयंती यानी भगवान बसवन्ना के जन्मोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान करके इस पर्व की बधाई देते हैं. आप भी बसव जयंती के इस पावन अवसर पर इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, एचडी इमेजेस, कोट्स और फेसबुक विशेज को भेजकर अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- बसव जयंती 2021
2- बसव जयंती 2021
3- बसव जयंती 2021
4- बसव जयंती 2021
5- बसव जयंती 2021
महात्मा बसवेश्वर का जन्म 1134 ईस्वी में कर्नाटक स्थित बीजापुर जिले के भागेवाड़ी में हुआ था. उनका मानना था कि भगवान निराकार हैं. उन्हें सत्य, अहिंसा, जातिवाद का विनाश करने वाले और आध्यात्मिकता के मूल्यों को बढ़ावा देने वाले महान समाज सुधारक के तौर पर जाना जाता है. उन्हें विश्वगुरु, भक्ति भंडारी और बसव के नाम से जाना जाता है. उनके द्वारा स्थापित किए गए लिंगायत समाज को कर्नाटक में अगड़ी जातियों में गिना जाता है. भगवान बसव ने सदा लिंग, जाति-धर्म, सामाजिक स्थिति की परवाह किए बैगर लोगों को एक समान अवसर देने की वकालत की थी.