
कटक: ओडिशा हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक 52 वर्षीय महिला पर "अदालत का समय व्यर्थ करने" के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया. महिला ने अपने पालतू कुत्ते की वापसी के लिए अदालत से हस्तक्षेप की मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने अदालत से अपने तीन वर्षीय पालतू कुत्ते, "ब्यूटी" को वापस लाने की अपील की थी, जिसे उसकी बहू 20 जनवरी 2025 को घर की जब्ती के दौरान अपने साथ ले गई थी. यह जब्ती कटक महिला पुलिस थाने में दर्ज दहेज उत्पीड़न मामले के चलते हुई थी.
न्यायमूर्ति एस. के. पाणिग्रही ने याचिकाकर्ता पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि यह राशि ओडिशा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में 10 दिनों के भीतर जमा कराई जाए. अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता के वकील ब्योमकेश त्रिपाठी ने इसे वापस लेने की अनुमति मांगी थी.
#Odisha | The petitioner had approached the court to retrieve her 3-year-old #dog, which was taken away by her daughter-in-law during a house seizure on Jan 20, 2025.
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— The Times Of India (@timesofindia) March 26, 2025
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले, याचिकाकर्ता ने राज्य पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य सचिव को एक आवेदन देकर कुत्ते की वापसी की मांग की थी.
न्यायमूर्ति पाणिग्रही ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत के निवारण के लिए उपयुक्त प्राधिकरण से संपर्क करने की स्वतंत्रता है."