UP Liquor Licence: अब घर पर निर्धारित सीमा से अधिक शराब रखने के लिए एक्साइज डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेना अनिवार्य, 51 हजार की गारंटी भी जरुरी
शराब | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं, तो आपको अपने घर में स्टोर किए गए शराब की मात्रा की जांच करने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि यूपी सरकार ने अब घर में निर्धारित सीमा सेअधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. उत्तर प्रदेश में संशोधित आबकारी नीति (Excise Policy) के अनुसार, "राज्य की नई आबकारी नीति के तहत, व्यक्तिगत उपयोग त खुदरा सीमा से अधिक में निजी क्रय शराब खरीदने, परिवहन या निजी लाइसेंस रखने का लाइसेंस प्राप्त करना होगा.

नई नीति के अनुसार प्रति व्यक्ति या एक घर में केवल छह लीटर शराब खरीदने, परिवहन या निजी कब्जे की सीमा तय की गई है. इससे अधिक शराब का उपभोग करने के लिए आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता है. आबकारी विभाग (Excise Department ) 12,000 रुपये वार्षिक शुल्क पर लाइसेंस प्रदान करेगा जबकि 51,000 रुपये निर्धारित शर्तों के तहत गारंटी भी जमा करना होगा. यह भी पढ़ें: Liquor Sale in Assam: असम सरकार ने राज्य में लाइसेंस के साथ बार में शराब देने की अनुमति दी

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राज्य सरकार ने आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 में 28,300 करोड़ रुपये के मुकाबले, वर्ष 2021-22 में 34,500 करोड़ रुपये से अधिक 6 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है. परिणामस्वरूप, देशी शराब, विदेशी शराब खुदरा दुकानों और वर्ष 2021-22 के लिए मॉडल दुकानों के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बीयर के खुदरा दुकान लाइसेंस शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की गई है, "आबकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी ने द्वारा कहा गया था. उन्होंने आगे कहा, "नई नीति के तहत राज्य में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से राज्य में उत्पादित शराब को अगले पांच वर्षों के लिए विचार शुल्क से छूट दी जाएगी."