लखनऊ, 12 जनवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम और लीलाधारी भगवान श्री कृष्ण ने भारत की जो सीमा तय की थी, वही आज भी है. प्रभु श्री राम ने उत्तर से दक्षिण तो श्रीकृष्ण ने उत्तर से पश्चिम को जोड़ा था. हजारों वर्ष पहले भारत में राजनीतिक इकाइयां भले अलग-अलग थी, लेकिन, सांस्कृतिक एकता एक थी.
सीएम योगी ने फार्च्यून होटल में 'श्रीरामोत्सव-सबके राम' विषय नामक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केरल से निकला एक संन्यासी भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर देता है. किसी भी राजा रजवाड़े ने उनको रोका नहीं, बल्कि उनका सम्मान किया. कपिलवस्तु का एक राजकुमार संन्यासी बनकर ज्ञान का उपदेश देता है, उनके लिए सभी राज्यों के राजा-रजवाड़े अपने पलक पावड़े बिछा देते हैं. यह भारत है, जो आस्था का सम्मान करता है. यह भी पढ़ें : रामलला के अभिषेक के लिए जूना अखाड़े के संन्यासी पवित्र जल लेकर अयोध्या रवाना
उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में 24 घंटे बिजली मिलती है. राम की पैड़ी में लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान कर सकते हैं. राम भजन संध्या स्थल बन चुके हैं. प्रभु श्री राम के नाम पर सबसे ज्यादा भजन गाने वाली सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम पर भव्य स्मारक बन चुका है. अयोध्या में सड़क, रेल और वायु कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. साथ ही हम जलमार्ग से भी अयोध्या को जोड़ रहे हैं. आज अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में हमारे रैन बसेरा और डॉरमेट्री निषादराज के नाम पर तो भोजनालय माता शबरी के नाम पर होंगे. यह हमारे लिए वोट बैंक का मुद्दा नहीं बल्कि प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था व्यक्त करने का माध्यम है. अगर हमें प्रभु श्री राम को सम्मान देना है तो बजरंगबली, निषादराज और माता शबरी को सम्मान देना होगा. हमें समाज के हर उस तबके को भी सम्मान देना होगा, जिन्होंने उस कालखंड में प्रभु का साथ देकर राम राज्य की स्थापना की नींव डाली थी.