लंदन: हैदराबाद के निजाम (Hyderabad Nizam) के धन को लेकर पाकिस्तान से चल रही दशकों पुरानी कानूनी लड़ाई भारत ने जीत ली है. ब्रिटेन की हाईकोर्ट (UK High Court) ने पाकिस्तान (Pakistan) को तगड़ा झटका देते हुए बुधवार को फैसला भारत के हक़ में सुनाया है. यह धन लंदन के एक बैंक में जमा है. जो अब करीब तीन अरब रुपए हो गई है. हालांकि इस पैसे पर भारत में रह रहे निजाम के उत्तराधिकारियों का अधिकार होगा.
ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने 1947 में विभाजन के समय हैदराबाद के निजाम के धन को लेकर इस्लामाबाद के साथ चल रही कानूनी जंग और इसे लंदन के एक बैंक में जमा कराने के मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. यहां नैटवेस्ट बैंक पीएलसी में जमा करीब 3.5 करोड़ पाउंड को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई में निजाम के वंशजों और हैदराबाद के आठवें निजाम प्रिंस मुकर्रम जाह तथा उनके छोटे भाई मुफ्फखम जाह ने भारत सरकार के साथ हाथ मिला लिया था.
लंदन की रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में दिये गये फैसले में जस्टिस मार्कस स्मिथ ने फैसला सुनाया कि ‘‘सातवें निजाम को धन के अधिकार मिले थे और सातवें निजाम के उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले जाह भाइयों तथा भारत को धन का अधिकार है.’’
फैसले में कहा गया है कि किसी दूसरे देश से जुड़ी गतिविधि के सिद्धांत और गैरकानूनी होने के आधार पर प्रभावी नहीं होने के तर्क के आधार पर इस मामले के अदालत में विचारणीय नहीं होने की पाकिस्तान की दलीलें विफल हो जाती हैं.
विवाद 1948 में हैदराबाद के तत्कालीन निजाम से करीब 10,07,940 पाउंड और नौ शिलिंग का ब्रिटेन में नवनियुक्त पाकिस्तान के उच्चायुक्त को हस्तांतरण से जुड़ा है. यह राशि बढ़कर 3.5 करोड़ पाउंड हो गयी है. भारत के समर्थन के साथ निजाम के वंशज दावा करते हैं कि यह धन उनका है, वहीं पाकिस्तान का दावा है कि इस पर उसका अधिकार है.