टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक से NIA आज करेगी पूछताछ
अलगाववादी नेता मीरवाइज (Photo- IANS)

अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक (Mirwaiz Umar Farooq) आतंकवाद को आर्थिक सहयोग देने से जुड़े एक मामले में आज एनआईए के समक्ष पेश होंगे. इसके लिए वह जम्मू कश्मीर से दिल्ली पहुंच चुके हैं. एनआईए ने हाल ही में मीरवाइज को तीसरा नोटिस भेजकर उन्हें आठ अप्रैल को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा था. इससे पहले एनआईए द्वारा भेजे गए दो नोटिस का जवाब देते हुए उन्होंने दिल्ली का दौरा करने में सुरक्षा संबंधी चिता जाहिर की थी. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

मीरवाइज को हाल ही में तीसरी बार समन भेजा गया था जिसमें उन्हें आश्वस्त किया गया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. बार-बार प्रयास करने के बावजूद एनआईए ने श्रीनगर में पूछताछ करने की मांग खारिज कर दी. एजेंसी ने कहा कि वह मीरवाइज की सुरक्षा का ध्यान रखेगी.

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मीरवाइज को 11 और 18 मार्च को एनआईए के समक्ष पेश होने के कहा गया था. लेकिन उन्होंने दिल्ली में अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने में अपनी असमर्थता जताई थी. मीरवाइज का कहना था कि उन्हें एनआईए की नोटिस बारे में जानकारी नहीं है और अलगाववादी नेता को नोटिस केवल गलत धारणाओं, सूचना और दुर्भावना से जारी किया गया है. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेता अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी ने मीरवाइज के पीछे रैली करने का फैसला किया है. ये लोग एकजुटता दिखाने के लिए एनआईए के मुख्यालय तक उनके साथ जाएंगे. बता दें कि

बता दें कि एनआईए ने 26 फरवरी को मीरवाइज सहित कई अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर तलाशी ली थी. एनआईए ने पहले ही मीरवाइज के दो रिश्तेदारों मौलवी मंजूर और मौलवी शफात और उनके करीबी सहयोगियों से पिछले साल पूछताछ की थी. मंज़ूर और शफ़ात दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं.

एनआईए आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग, सुरक्षाबलों पर पथराव, स्कूलों को जलाने और सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने के पीछे तत्वों की पहचान कर्ता है. एनआईए ने पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद, प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत गुट जैसे संगठनों के अलावा मीरवाइज, हिजबुल मुजाहिदीन और दुख्तारन-ए-मिलत के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है.