Tamil Nadu: तमिलनाडु पुलिस ने कोयंबटूर में 'गांजा मुक्त गांव' पहल शुरू की
तमिलनाडु में कोयंबटूर ग्रामीण जिला पुलिस ने युवा पीढ़ी को नशे के खतरे से बचाने के लिए एक पहल शुरू की है और 'गांजा मुक्त गांव' के लिए पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां गठित की हैं.
चेन्नई, 16 अक्टूबर : तमिलनाडु में कोयंबटूर ग्रामीण जिला पुलिस ने युवा पीढ़ी को नशे के खतरे से बचाने के लिए एक पहल शुरू की है और 'गांजा मुक्त गांव' के लिए पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां गठित की हैं. तमिलनाडु दक्षिण क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आर. सुधाकर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह पहल स्कूली बच्चों को नशीली दवाओं के खतरे से बचाने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा और एक निगरानी समिति गठित की जाएगी.
निगरानी समिति में ग्राम पंचायत अध्यक्ष, स्थानीय स्कूल प्रधानाध्यापक, वार्ड सदस्य और नोडल अधिकारी सदस्य के रूप में होते हैं और मुख्य लक्ष्य गांजा और अन्य नशीली दवाओं के नेटवर्क हैं जो स्कूली बच्चों को भी दवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं. आर. सुधाकर ने कहा कि पुलिस ने शनिवार से अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं और ड्रग नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा. हालांकि, पंचायत अध्यक्षों ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शामिल करने का सुझाव दिया है. यह भी पढ़ें : बहराइच में संदिग्ध परिस्थितियों में अधिवक्ता का शव मिला, पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया
कोयंबटूर में पेरूर पंचायत के एक सामाजिक कार्यकर्ता आर गंगाधरन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह पुलिस की एक अच्छी पहल है, लेकिन मेरा सुझाव है कि स्थानीय स्तर के सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को समिति में शामिल किया जाए ताकि जमीनी स्तर पर जुड़ाव हो सके." पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी), कोयंबटूर रेंज, एम.एस. मुथुस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "पुलिस और स्थानीय लोग मिलकर काम करेंगे और नशीली दवाओं की आवाजाही पर नजर रखने और उस पर अंकुश लगाने और हमारे बच्चों को इस खतरे से मुक्त करने की योजना बनाएंगे."