सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को 'सुप्रीम' राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

'सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज' (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

नई दिल्ली, 25 अगस्त : 'सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज' (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी. मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है. यह भी पढ़ें : PM मोदी की डिग्री की जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी, दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी. उन्होंने पोस्ट में लिखा था, "महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं. 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई. पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था. ट्वीट को अब हटा दिया गया है. मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था."

आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई. वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था.

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