लखनऊ, 5 अप्रैल : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यूपी के विकास व जनहित की बजाय जातिवादी द्वेष अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है. बसपा मुखिया मायावती ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि सपा प्रमुख की मौजूदगी में लगाए गए अमर्यादित नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खियों में है. वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है.
इतना ही नहीं बसपा प्रमुख ने सपा पर हमलावर होते हुए यहां तक कहा कि और यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में कांशीराम जी ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था वे बीएसपी को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी. अत: सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत. यह भी पढ़ें : कारोबारी क्षेत्रों में एकाधिकार के चलते तेजी से बढ़ रही है महंगाई: कांग्रेस
गौरतलब है कि यूपी के ऊंचाहार के चरुहार जियायक में सोमवार को स्वामी प्रसाद ने जनसभा का आयोजन किया था, जिसमें सपा मुखिया अखिलेश यादव भी आए थे. उन्होंने अखिलेश के सामने मंच से विवादित नारे लगवाए, जिसका वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में वह बोल रहे हैं कि मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम.