नई दिल्ली, 11 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को 2021 के शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए "अवैध" बताया और उस पर रोक लगा दी लेकिन, अदालत ने केंद्र सरकार की चिंताओं को देखते हुए उन्हें 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है ईडी निदेशक का कार्यकाल नवंबर 2023 में समाप्त होने वाला था. यह भी पढ़े: SC on Article 370 Hearing: सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने की याचिकाओं पर 2 अगस्त से होगी सुनवाई, फैसले को दी गई है चुनौती
अदालत ने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी संजय कुमार मिश्रा को एक्सटेंशन दिया गया, जो अवैध है हालांकि, उन्हें 31 जुलाई 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति है पीठ ने माना कि संजय कुमार मिश्रा को दिया गया विस्तार, सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के 2021 में सुनाए गए फैसले के विपरीत था शीर्ष अदालत ने ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार और 2021 के केंद्रीय सतर्कता संशोधन आयोग अधिनियम 2003 में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुनाया
इससे पहले केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ईडी प्रमुख के कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप झेल रहे कांग्रेस नेताओं को बचाने की कोशिश है जवाबी हलफनामे में केंद्र ने कहा कि जनहित याचिका स्पष्ट रूप से प्रेरित है और माना जाता है कि इसका इरादा वैधानिक जांच को बाधित करना था
बता दें संजय मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया। मई 2020 में वह सेवानिवृत्ति की आयु (60 वर्ष) में पहुंच चुके थे इसी बीच 13 नवंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने एक कार्यालय आदेश जारी करके कहा था कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था कि 'दो वर्ष' की अवधि को 'तीन वर्ष' की अवधि में बदल दिया गया इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 के फैसले में संशोधन को मंजूरी दे दी लेकिन, ईडी निदेशक को और अधिक एक्सटेंशन देने के खिलाफ फैसला सुनाया 2021 में कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश लेकर आई, जिससे ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल बढ़ाने की शक्ति मिल गई इस संबंध में संसद द्वारा एक कानून पारित किया गया था, जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाने की अनुमति दी गई थी, जो अधिकतम 5 वर्षों तक था