SEBI ने एनएसडीएल आईपीओ को दी मंजूरी, आईडीबीआई बैंक, एसबीआई ओएफएस में बेचेंगे शेयर
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मुंबई, 8 अक्टूबर : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी फर्म नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) को मंजूरी दे दी गई है. सेबी की ओर से कंपनी को पब्लिक इश्यू के लिए ऑब्जरवेशन जारी कर दी गई है. इसका मतलब है कि कंपनी आईपीओ ला सकती है.

एनएसडीएल की ओर से पिछले साल जुलाई में जमा किए गए ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक यह पब्लिक इश्यू ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) होगा. इसमें करीब 5.72 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी. ओएफएस में पैसा कंपनी के निवेशकों के पास जाता है. आईडीबीआई बैंक के पास एनएसडीएल में 26 प्रतिशत है, वह इस आईपीओ में करीब 2.22 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जिसकी डिपॉजिटरी में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उसकी ओर से पब्लिक इश्यू में 1.8 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी. यह भी पढ़ें : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में CM धामी ने जहां-जहां की रैली, वहां-वहां जीत रही बीजेपी, 99% स्ट्राइक रेट

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) , यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और केनरा बैंक के पास एनएसडीएल क्रमशः: 5 प्रतिशत, 2.8 प्रतिशत और 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जानकारी के मुताबिक, यूबीआई की ओर से 56.2 लाख शेयर, एसबीआई और स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ द यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ओर से क्रमश: 40 लाख और 34 लाख शेयर आईपीओ में बेचे जाएंगे.

एचडीएफसी बैंक के पास भी एनएसडीएल में 8.95 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसमें से करीब 2 प्रतिशत हिस्सेदारी आईपीओ में ओएफएस के तहत बिक्री की जाएगी. 31 मार्च, 2023 तक एनएसडीएल भारत में सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है, जिसे जारीकर्ताओं की संख्या, सक्रिय उपकरणों, डीमैट निपटान मात्रा में बाजार हिस्सेदारी और संपत्तियों के मूल्य से मापा जाता है. डिपॉजिटरी अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद एनएसडीएल भारत में नवंबर 1996 में प्रतिभूतियों के डिमटेरियलाइजेशन में अग्रणी डिपॉजिटरी बन गई थी.