Maharashtra: सीएम उद्धव ठाकरे के 'भविष्य मित्र'  वाले बयान पर संजय राउत की सफाई, हम लोग कहीं नहीं जा रहे BJP नेता चाहें तो हमारी सरकार में शामिल हो सकते हैं
शिवसेना नेता संजय राउत (Photo Credits ANI)

शिवसेना सांसद संजय राउत (Shivsena MP Sanjay Raut) ने बीजेपी से गठबंधन और "भविष्य मित्र" के सवाल पर कहा कि, हम या हमारी पार्टी कहीं नहीं जा रही है बीजेपी के कुछ नेता चाहें तो महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल हो सकते हैं. सांसद संजय राउत से जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackery) के बीजेपी के बारे में "भविष्य मित्र" वाले बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, हमें यह समझने की जरूरत है कि मुख्यमंत्री ने क्या कहा था.

संजय राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के कहने का मतलब था कि बीजेपी के कुछ लोग महा विकास अघाड़ी में आ सकते हैं. हम कहीं नहीं जाएंगे.

राज्यसभा में संजय राउत ने पूछे सवाल, मोदी सरकार कोविड-19 से मरने वालों की संख्या क्यों छिपा रही है

बता दें कि औरंगाबाद में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे "भविष्य मित्र" वाली टिप्पणी की थी जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह की अटकलें लगाई जाने की लगी कि अब जल्द ही बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन हो सकता है.

बता दें कि इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उद्धव ठाकरेने से बीजेपी नेता रावसाहेब दानवे को भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया था जिसके बाद राज्य की सियासत गरमा गई. बता दें कि बीजेपी-शिवसेना के बीच 3 दशकों से गठबंधन था लेकिन 2019 में दोनों ही पार्टियों के बीच ये गठबंधन टूट गया था.

इससे पहले मराठवाडा के शहर औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे एक ही मंच पर थे. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने बीजेपी नेता दानवे की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये हमारे पूर्व सहयोगी हैं और भविष्य में अगर साथ आते हैं तो भावी सहयोगी हैं.

बता दें कि साल 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में साथ लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनो पार्टियों में झगडा हो गय था और 30 साल पुराना ये गठबंधन टूट गया था जिसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और मुख्यमंत्री पद हासिल किया.