Jharkhand Competitive Examination Bill 2023: झारखंड में पेपर लीक और नकल रोकने के बिल पर बवाल, उम्रकैद तक का है प्रावधान
झारखंड सरकार इस विधेयक को विधानसभा के चालू मॉनसून सत्र में पास कराने की तैयारी में है
रांची, 2 अगस्त: झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए सरकार की ओर से लाए जा रहे बिल पर विवाद खड़ा हो गया है इस बिल के कानून बन जाने पर पेपर लीक और नकल के लिए दोषी पाए जाने वालों के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास और पांच लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है. यह भी पढ़े: Paper Leak Case: द्वितीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक मामले में RPSC के एक सदस्य समेत तीन हिरासत में
भाजपा और आजसू पार्टी ने बिल की तुलना अंग्रेजी हुकूमत के खौफनाक कानून से की है
झारखंड सरकार इस विधेयक को विधानसभा के चालू मॉनसून सत्र में पास कराने की तैयारी में है इसके ड्राफ्ट को पिछले दिनों कैबिनेट से मंजूरी दी गई थी इस विधेयक का नाम 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम- 2023' है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सरकार 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023' के नाम पर अंग्रेजों से भी ज्यादा खौफनाक कानून लेकर आई है इसके प्रावधान देशद्रोह, पॉक्सो, एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून से भी ज्यादा ताकतवर और खतरनाक हैं.
उन्होंने कहा कि यह बिल कानून बन गया तो भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठाने वाले अभ्यर्थियों पर 10 साल तक प्रतिबंध लगेगा बिल में प्रावधान किया जा रहा है कि किसी भी अधिकारी को किसी भवन, स्थान, जलयान, वायुयान या यान में, जहां उन्हें संदेह होगा, वहां वो प्रवेश कर सकते हैं और तलाशी ले सकते हैं.
इतना ही नहीं, किसी भी ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं होगी बिना जांच किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है अगर एक बार 'झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक- 2023' लागू हो जाये तो कोई परीक्षार्थी सरकार के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकेगा.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस कानून का विरोध करेगी यह छात्रों को जेल भेजने के लिए लाया गया है उनका करियर तबाह कर देगा भ्रष्ट एवं बेईमान अफसर इस घटिया क़ानून की आड़ में राजनैतिक टूल की तरह इस्तेमाल होकर बदले की भावना से किसी के घर में घुसेंगे और किसी को भी उठाकर जेल भेज देंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन अपने खिलाफ़ उठ रही जनता की आवाज़, आक्रोश एवं असंतोष को दबाने के लिए काला कानून लेकर आए हैं झारखंड की जनता समझदार है मेरी लोगों से अपील है कि इस काले क़ानून का तीव्र विरोध करें.
आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने भी कहा है कि परीक्षा में कदाचार रोकने के नाम पर सरकार जिस तरह का कानून बनाना चाहती है, उससे यह साफ है कि वह छात्रों की आवाज को दबाना चाहती है हम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। लाठी-हथकड़ी के बल पर युवाओं की आवाज को दबने नहीं देंगे.
इधर झारखंड सरकार में साझीदार कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इस बिल के अनुसार कदाचार के आरोपियों के खिलाफ जिस तरह के कठोर दंड के प्रावधान किए गए हैं, उसमें बदलाव की जरूरत है वह इस मुद्दे पर सरकार से बात करेंगे.