नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उनका यह बयान तब आया जब कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण की घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया. राहुल गांधी ने कहा, "पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ हो रहे शर्मनाक अपराध यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं?"
राहुल गांधी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बदलापुर में हुए इस घिनौने अपराध के बाद तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जब तक कि लोग सड़कों पर 'न्याय की गुहार' लेकर नहीं आ गए. राहुल गांधी ने सवाल उठाया, "क्या अब FIR दर्ज कराने के लिए भी आंदोलन करने की जरूरत पड़ेगी? आखिर पीड़ितों के लिए पुलिस थाने तक पहुंचना इतना मुश्किल क्यों हो गया है?"
न्याय दिलाने से अधिक प्रयास अपराध छिपाने के लिए किया जाता है
पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं?
बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 21, 2024
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि आजकल न्याय दिलाने की बजाय अपराध छिपाने के प्रयास ज्यादा किए जाते हैं, और इसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग के लोग होते हैं. FIR दर्ज न होना न केवल पीड़ितों को हतोत्साहित करता है, बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है.
राहुल गांधी ने कहा कि सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि न्याय हर नागरिक का अधिकार है और इसे पुलिस और प्रशासन की 'मर्जी' पर निर्भर नहीं छोड़ा जा सकता.