लखनऊ, 30 सितंबर: 28 साल बाद अयोध्या (Ayodhya) के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत के इस निर्णय से बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी नाखुश हैं. आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है. वह हाईकोर्ट जाएंगे. जिलानी ने बातचीत में कहा कि यह निर्णय बिल्कुल न्याय विपरीत है. सबूतों की पूरी तरह अनदेखी की गयी है.
यह कानून के खिलाफ है. इसके खिलाफ हम हाईकोर्ट जाएंगे. जिसको यह लोग सबूत नहीं मान रहे वह पूरी तरह से सबूत है. सभी के बयान हैं. इसके लिए दो लोगों के बयान काफी होते हैं. यहां तो दर्जनों बयान है. हमारे पास ऑप्शन है. राम मंदिर का फैसला हम देख चुके हैं और बाबरी केस का फैसला भी देख लिया. दोनों से हम संतुष्ट नहीं हैं. अभी तक हम फैसले का इंतजार कर रहे थे. जफ रयाब जिलानी कहते हैं कि जो भी पक्ष संतुष्ट नहीं है, वह हाईकोर्ट का रुख करेगा.
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ज्ञात हो कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. 28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को कोर्ट में तलब किया था.