Shivsena Row: CM एकनाथ शिंदे पर भड़के उद्धव ठाकरे, कहा- असली शिवसेना किसकी ये पाकिस्तान भी बता देगा
Uddhav Thackeray | Photo: PTI

जलगांव, 23 अप्रैल: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि उन्हें लोगों से मिल रहे समर्थन को देखकर पाकिस्तान भी बता देगा कि असली शिवसेना किसकी है, लेकिन निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि वह ‘मोतियाबिंद से पीड़ित’ है.

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी और समर्थक यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘गद्दारों’ का राजनीतिक रूप से सफाया हो जाए. उद्धव का परोक्ष तौर पर इशारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की तरफ था, जिनकी बगावत के चलते जून 2022 में उद्धव नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. Maharashtra Politics: 'शिंदे-फडणवीस' सरकार का डेथ वारंट जारी, सिर्फ तारीख का ऐलान होना बाकी: संजय राउत

निर्वाचन आयोग ने इस साल की शुरुआत में ठाकरे गुट को करारा झटका देते हुए ‘शिवसेना’ नाम और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ शिंदे समूह को आवंटित कर दिया था.

उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पछोरा में शिवसेना (यूबीटी) की एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए उद्ध‍व ने जनसभा में इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए अपने समर्थकों का आभार जताया, जबकि बागी गुट के हाथों पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न गंवाने के बाद उनके पास उन्हें (समर्थकों को) देने के लिए कुछ भी नहीं था.

पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, “यहां मौजूद लोगों की संख्या को देखते हुए पाकिस्तान भी जान जाएगा कि कौन असली शिवसेना है, लेकिन निर्वाचन आयोग नहीं, क्योंकि वह मोतियाबिंद से पीड़ित है.” उद्धव ठाकरे ने बगावत को लेकर अपने समर्थकों से मतदान के जरिये मुख्यमंत्री शिंदे और उनके 40 समर्थक विधायकों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे राजनीतिक रूप से समाप्त हो जाएं.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी का ‘वज्रमूठ’ (लोहे की मुट्ठी) एमवीए गठबंधन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य में चुनाव कराने की चुनौती दी.

उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि उनकी पार्टी का ‘मशाल’ चुनाव चिह्न शिंदे और भाजपा के सिंहासन को आग लगा देगा. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों ने उन्हें धोखा दिया, लेकिन इन लोगों को चुनाव जिताने वाले लोग उनके साथ हैं.

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