नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक (Jammu and Kashmir Reorganisation Amendment Bill, 2021) का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है और उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. जम्मू-कश्मीर संबंधी अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया: बाइडन प्रशासन
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा.’’
4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘‘ असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है. उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे. यह नरेन्द मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है.’’
#WATCH Jinhone Art 370 waapis laane ke aadhar par chunav lada tha wo saaf ho gaye saaf...Nobody, not even our rivals can say that there was fraud or unrest during DDC polls. Everyone voted fearlessly. 51% votes were cast in Panchayat elections in J&K: HM Shah in Lok Sabha, today pic.twitter.com/jtw5XrOZGU
— ANI (@ANI) February 13, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?
शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें. राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो.’’
शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं. एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धम्रनिरपेक्ष कहते हैं.
गौरतलब है कि एआईएमआईएम सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था.
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