लखनऊ, 14 अक्टूबर: बीते साल भाजपा के पूर्व सांसद चिन्मयानंद (MP Chinmayananda) पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की कानून की छात्रा ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं. कथित पीड़िता मंगलवार को यहां सांसद व विधायकों के लिए एक विशेष कोर्ट के सामने पेश हुई और स्पष्ट रूप से अपने द्वारा पूर्व मंत्री के खिलाफ लगाए आरोपों से मना कर दिया. लखनऊ कोर्ट (Lucknow Court) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई कर रहा था. हालांकि छात्रा के इस फैसले से अभियोजन पक्ष ने सीआरपीसी की धारा 340 के तहत एक आवेदन दिया और कथित पीड़िता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
न्यायाधीश पी. के. राय ने अपने कार्यालय को आवेदन पंजीकृत करने का निर्देश दिया और अभियोजन पक्ष को आवेदन की एक कॉपी पीड़िता और आरोपी को देने को कहा. कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है. लड़की शाहजहांपुर में चिन्मयानंद के आश्रम द्वारा संचालित लॉ कॉलेज की छात्रा थी और उसने पिछले साल अगस्त में यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले ने तब सुर्खियां बटोरी जब लड़की गायब हो गई और सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था. इसके बाद चिन्मयानंद ने यह भी आरोप लगाया था कि कथित पीड़िता उनसे पैसे निकालने की कोशिश कर रही थी और उस पर एफआईआर दर्ज करवाया था. बाद में दोनों गिरफ्तार हुए थे. चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था.
जांच अधिकारी ने चिन्मयानंद के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (सी), 354 (डी), 342 और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था. जांच अधिकारी ने 13 पृष्ठ की चार्जशीट में 33 गवाहों और 29 दस्तावेजी साक्ष्यों का हवाला दिया था. चिन्मयानंद को 3 फरवरी, 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा कर दिया गया था. कोर्ट ने शाहजहांपुर से लखनऊ की सांसद-विधायकों के लिए विशेष कोर्ट में मुकदमा स्थानांतरित कर दिया था.