नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने बुधवार को कहा कि आज कोई अध्यक्ष नहीं है, तो सवाल उठता है कि पार्टी में फैसले कौन ले रहा है? उन्होंने कहा, आज मैं भारी मन से यहाँ हूँ. ऐसी स्थिति में क्या हो रहा है हमें लोग छोड़कर जा रहे हैं. सुष्मिता छोड़ कर चली गई, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री जा चुके हैं, जितिन प्रसाद गए, सिंधिया जी जा चुके हैं, ललितेश त्रिपाठी जा चुके हैं. सवाल उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? खुद से पूछना होगा कि हमारी भी गलती रही हो. आज की तारीख में कोई अध्यक्ष नहीं है, तो फैसले कौन ले रहा है ? कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक होनी चाहिए. यह भी पढ़े: Punjab: इस्तीफे के बाद से पार्टी नेताओं के निशाने पर सिद्धू, चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें और बढीं
कपिल सिब्बल ने कहा, हम सबकुछ हो सकते हैं लेकिन जी-23, जी हुजूर नेता नहीं हैं. जी-23 केवल पार्टी के हितों की ही बात करती है. सिब्बल ने कहा, मेरी पार्टी जिस तरह के हालात से गुजर रही है, मेरा दिल टूटता है. हम वो लोग है, जिन्हें एक होकर इस केंद्र की मोदी सरकार से लड़ना हैं.अभी हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं.
सिब्बल ने कहा, मेरी ऐसी कोई हैसियत नहीं है कि मैं किसी को सुझाव दूं. मुझसे पूछा गया तो, सवाल उठता है कि वो क्यों जा रहे हैं, उनकी निंदा भी कर सकते हैं कि वो क्यों पार्टी छोड़कर जा रहे है. आज की स्थिति में हमें ये तय करना होगा. पार्टी को जल्द ही सीडब्ल्यूसी को बुलाना चाहिए, ताकि वहां लोग पार्टी प्लेफॉर्म पर अपनी बात रख पाएंगे। हमें एक ओपन डायलॉग की जरूरत है.
वहीं पंजाब के मसले पर उन्होंने कहा, हमने पंजाब में जो किया इससे पाकिस्तान और आईएसआईए को एडवांटेज मिल सकता है. पंजाब के सीमावर्ती राज्य है, वहाँ ऐसे हालात नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा, हमें पंजाब का इतिहास मालूम है और वहां उग्रवाद के दिन भी याद हैं। कांग्रेस की कोशिश होनी चाहिए कि वो एकजुट रहें.
कांग्रेस पार्टी के ताजा हालात पर सिब्बल ने कहा, कांग्रेस को हम कमजोर होते देख नहीं सकते, बुनियादी तौर पर मजबूत कीजिए। पंजाब में जो कुछ भी हुआ, उस पर जी-23 के किसी नेता ने इस पर कुछ नहीं कहा. उनके खिलाफ एक बयान नहीं दिया, ये तो साफ जाहिर है कि कांग्रेस में जो वकिर्ंग अध्यक्ष हैं, वो चुने हुए नहीं हैं. उन्होंने कहा, देश में सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि संसद जब चलती है तो कई गम्भीर मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. जब विपक्ष मजबूत होगा तो, कांग्रेस मजबूत होगी और देश में तमाम बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी में बड़े बदलाव को लेकर पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पिछले साल अगस्त में पत्र लिखकर पार्टी के भीतर शीर्ष से लेकर नीचे तक बड़े बदलाव की बात कही थी। एक बार फिर एक बड़े नेता ने पत्र लिखकर यही मांग की है.
दरअसल पिछली बार जिन 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उनमें पाँच पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी के कई सदस्य, मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे. फिलहाल फिर एक बार फिर पत्र लिखा गया है, सिब्बल इसी खत का जि़क्र कर रहे हैं.