UP-पंजाब समेत 5 चुनावी राज्यों के कांग्रेस अध्यक्षों पर गिरी गाज, सोनिया गांधी ने मांगा इस्तीफा, बड़े फेरबदल की तैयारी शुरू
सोनिया गांधी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है. UP चुनाव में करारी हार को लेकर प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं संग की मंथन

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है ताकि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों का पुनर्गठन किया जा सके.’’

गत रविवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा था कि वह संगठनात्मक चुनाव पूरा होने तक पद पर बने रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.

सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया ने कहा कि ‘हम पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं. सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गांधी से यह भी कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें और सुधारात्मक कदम उठाएं. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में करीब साढ़े चार घंटे तक हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करने का प्रस्ताव दिया. ‘चिंतन शिविर’ से पहले सीडब्ल्यूसी की एक और बैठक होगी.

सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में शामिल ‘जी 23’ के कुछ नेताओं ने कहा कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कुछ नेताओं ने उनका ‘अपमान’ किया है, जो अब बंद होना चाहिए. ‘जी 23’ के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक सीडब्ल्यूसी में शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली थी तो संगठन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन जो कदम उन्होंने उठाए हैं, उसका फल भविष्य में मिलेगा. सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन में विलंब और आंतरिक कलह के कारण नुकसान हुआ.

सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं. पार्टी का यह मानना है कि अपनी रणनीति में खामियों के चलते हम जहां चार राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर पाए. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक पंजाब राज्य में नेतृत्व बदलाव के बाद मिले सीमित समय में सत्ता विरोधी लहर पर काबू नहीं पाया जा सका.