नागरिकता संशोधन अधिनियम के कारण देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू
विरोध प्रदर्शन (Photo Credits: IANS)

नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Bill) विधयेक के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा की आग अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने अलीगढ़, सहारनपुर, कासगंज और मेरठ समेत अन्य कई जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी हैं. इन जिलों की इंटरनेट सेवा भी बाधित है. एएमयू में पथराव फायरिंग के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होता देख जिला प्रशासन ने 15 दिसंबर की रात साढ़े दस बजे से 16 दिसंबर की रात दस बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

इस दौरान लीज लाइन और लूप लाइन की इंटरनेट की सेवाएं भी नहीं चलेंगी. इसके अलावा नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सहारनपुर में रविवार रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. उधर, देर रात राजधानी लखनऊ में करीब 500 छात्रों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया. छात्रों को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी.

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दराअसल किसी ने सोशल मीडिया पर जामिया मिलिया विवि में हुए बवाल को लेकर तरह-तरह के मैसेज चला दिए. व्हाट्एप पर किसी ने पुलिस की गोली लगने से एक छात्र की मौत का मैसेज चला दिया उसके बाद माहौल गर्म हो गया और छात्र सड़क पर उतर आए. अब प्रशासन प्रदर्शनकारियों की सीसीटीवी फुटेज तलाशकर उन पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है.

नदवा कालेज में देर रात तक आस-पास की गलियों में छात्रों का जमावड़ा लगा रहा. सुरक्षा के लिहाज से वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात की गई है. साथ ही गृह विभाग ने इन जिलों के जिलाधिकारी और एसपी को सतर्क रहने को कहा है.

रविवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस के गेट पर बिल का जमकर विरोध किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और वटर कैनन का इस्तेमाल किया. एएमयू के छात्रों ने यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के पास हुए विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद किया था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी 2020 तक बंद करने का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री योगी ने बयान जारी कर कहा है कि नागरिकता संसोधन कानून के संदर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी अफवाह ध्यान न देने को कहा है. उन्होंने कहा सभी कानून का पालन करना पड़ेगा. अमन के माहौल को किसी को भी खराब करने की इजाजत नहीं है.